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कौन से दिशा में जूते चप्पल रखने से घर में पैसा आता है?

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कौन से दिशा में जूते चप्पल रखने से घर में पैसा आता है

जूता-चपप्ल कैसे रखना चाहिए?

वास्तु की प्राचीन ज्योतिषीय शाखा के अनुसार, मुख्य द्वार वह स्थान है जिससे घर सांस लेता है और इसलिए इस क्षेत्र के पास गंदगी के साथ जूते रखना एक बुरी प्रवृत्ति है और इससे प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

वास्तु कहता है कि जूते को मुख्य दरवाजे से कुछ दूरी पर एक रैक पर रखना चाहिए। जूते-चप्पल घर की ओर ठीक से रखने चाहिए।

क्या घर के अंदर जूता-चप्पल रखना चाहिए?

घर के अंदर जूते पहनने की भी सिफारिश नहीं की जाती है। कुछ लोग महंगे जूते और अन्य जूते अपने घर के अंदर रखते हैं। इन्हें सीढ़ी के नीचे, खाट के नीचे या शयन कक्ष में कहीं भी रखना उचित नहीं है। दूसरे शब्दों में यदि कहां जाएं तो जूते नकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं। इसलिए जहां-तहां जूते ना रखें।

किस दिशा में रखे चप्पल स्टैंड नहीं रहेगी कभी कोई कमी

जूतों को उसके रैक में रखें। जूते रखने के लिए दक्षिण पश्चिम दिशा शुभ मानी जाती है। इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि जूता कैबिनेट की ऊंचाई फर्श से छत तक की ऊंचाई के एक तिहाई से अधिक ना हो। जूतों को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ऊंची अलमारियां परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य में बाधा डाल सकती हैं। इसलिए घर में कभी भी जूतों का रैक बड़ा ना रखें। प्रवेश द्वार में भी जूता रैक ना लगाएं क्योंकि मेन डोर समृद्धि और अच्छे वाइब्स का द्वार होता है।

जूता-चप्पल उल्टा रखने से बचें

ऐसा कहा जाता है कि जूता-चप्पल का संबंध शनि भगवान से होता है। इसलिए पैसों से संबंधित किसी भी वस्तु का ख्याल बहुत ध्यान से रखना चाहिए। चाहे वह मोजा हो या जूता चप्पल। हमेशा उन्हें उनके उचित स्थान पर सजा कर रखना चाहिए। ताकि शनि भगवान कभी भी आपसे रूष्ठ ना हो सकें।

यह भी कहा जाता है कि घर में कभी भी जूता चप्पल को उल्टा करके नहीं रखना चाहिए। यदि किसी भी घर में जूता चप्पल उल्टा या बिखरा पड़ा रहता है। तो उस घर के लोगों से शनि भगवान बिल्कुल नाराज हो जाते हैं। शनि भगवान के नाराज होने का फल तो लगभग सभी लोग जानते ही हैं कि वह क्या-क्या कर सकते हैं।

क्या घर के बाहर जूता रख सकते हैं? Vastu Tips: घर में जूते-चप्पल रखने का सलीका

घर के बाहर आपजूता रख सकते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि घर के बाहर जूता रखने पर भी वह बिखर जाता है। जिससे घर पर नेगेटिव ऊर्जा फैलती है इसलिए जूते चप्पल को बाहर रखने के बजाय घर के किसी कोने में अच्छे से सजा कर रखें। ताकि आपके घर में किसी की भी नजर ना लगे एवं आपके घर में बरकत होती रहे।

कौन से दिशा में जूते चप्पल रखने से घर में पैसा आता है?

घर का पश्चिम दिशा जूता चप्पल रखने के लिए सबसे बेस्ट जगह होता है। सबसे जरूरी बात यह है कि यदि आप अपने घर में जूते चप्पल को रखना चाहते हैं। तो अवश्य ही रखे लेकिन बहुत ज्यादा पुराना जूता चप्पल बिल्कुल भी ना रखें। इससे नेगेटिव ऊर्जा फैलती है। घर के बरकत में भी बांधा आती है।

गलत जूते दुर्भाग्य लाते हैं

 हमारे प्राचीन विद्वानों ने हमें सलाह दी कि हमारे पास जो भी जूते हैं, उन्हें हमें नहीं करना चाहिए, और यह भी कि हमें कहां, कब, कैसे जूते पहनने चाहिए या फिर खोने की संभावना का जोखिम उठाना चाहिए।

सुनिश्चित करें कि जूते को फिर से अंदर रखने से पहले उन्हें हमेशा साफ रखा जाता है और किसी भी गंदगी को मिटा दिया जाता है। शू रैक को हमेशा व्यवस्थित रखें। निरंतर आधार पर थोड़ा सा प्रयास लंबे समय में नकारात्मकता को दूर रखने में मदद कर सकता है।

बेडरूम, किचन या प्रार्थना कक्ष में जूता कैबिनेट नहीं रखना चाहिए। बेडरूम में जूता रखने से आपके वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। 

घर के जूतों से अस्त-व्यस्त करना, विशेष रूप से मुख्य द्वार के पास, पारिवारिक कलह का कारण बन सकता है। जूतों को ठीक से व्यवस्थित करें और उन्हें कभी भी लटकी हुई या उलझी हुई अवस्था में न छोड़ें जो नकारात्मक ऊर्जाओं को आकर्षित करती हैं

बंद जूता अलमारियाँ, जो नकारात्मकता को फैलने नहीं देती हैं, उन्हें खुले जूते की अलमारियों के लिए अनुशंसित किया जाता है।

प्रवेश द्वार के हिसाब से जूता रैक‌ रखे

घर के इंटीरियर की प्लानिंग करते समय शू रैक के लिए उचित जगह का होना जरूरी है। शू रैक को उत्तर से पूर्व को छोड़कर किसी भी स्थान पर रखा जा सकता है। इस रैक को पश्चिम / उत्तर पश्चिम में रखने के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

यदि घर का प्रवेश द्वार उत्तर पूर्व से हो तो जूते की रैक को उत्तर पश्चिम में रखना व्यावहारिक नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में और कोई विकल्प नहीं है और रैक को प्रवेश द्वार के पास लेकिन उत्तर पश्चिम दिशा में रखा जाना है। यदि प्रवेश द्वार के पास उत्तर पूर्व में एक शोकेस की योजना बनाई गई है, तो जूता रैक उसी में रखा जा सकता है।

यदि घर का प्रवेश द्वार उत्तर पूर्व में है, तो उत्तर पूर्व दिशा में भगवान के निवास की योजना बनाना आवश्यक है। वहीं प्रवेश द्वार के पास जूता रैक भी लगाना होता है। ऐसी परिस्थितियों में, दोनों के बीच एक उपयुक्त अंतर बनाए रखते हुए प्रार्थना मंदिर की पवित्रता को बनाए रखना आवश्यक है।

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