16.1 C
Delhi
Friday, March 15, 2024

यह 5 काम पितृपक्ष में नहीं करना चाहिए |आखिर क्यों?

हिंदू धर्म के अनुयायी अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए कई सारे अनुष्ठान करते हैं। इसके लिए हिंदू धर्म में पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए पितृ पक्ष के दौरान तर्पण किया जाता है। श्राद्ध में क्या करें-क्या न करें

ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष का पालन करने से हिंदुओं को अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। ताकि वह अपने जीवन में सफल हो सकें। साथ में सुख और समृद्धि भी प्राप्त कर सकें। इसलिए लोग पितृपक्ष के दौरान अपने पितरों का तर्पण करते हैं।

हिंदू धर्म में कई सारी ऐसी गलतियों के बारे में बताया गया है, जिनमें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होता है। यदि कोई व्यक्ति इन बातों का ध्यान नहीं रखता है तो उसके द्वारा किए जाने वाले किसी भी व्रत का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। शास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान हिंदुओं से निम्नलिखित बातों से बचने के लिए कहा जाता है-

पितृपक्ष के दौरान मांसाहारी भोजन ना करें

पितृ पक्ष में हमेशा शाकाहारी भोजन करना चाहिए। यदि आप  पितृ पक्ष के 16 दिनों के चंद्र काल में मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन करते हैं, तो यह दिवंगत आत्मा को परेशान कर सकता है और आपको परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। पितृ पक्ष में श्राद्ध करने वाले घर के सदस्य को 16 दिनों की चंद्र अवधि के दौरान अपने बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए। उसे भी ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

सूर्यास्त से पहले हघ श्राद्ध की विधि को कर लेना चाहिए। कारण सूर्यास्त के बाद श्राद्ध करना अति अशुभ माना जाता है।

आपके दरबार से कोई भी भूखा नहीं लौटना चाहिए 

पितृ पक्ष में यदि कोई पशु या पक्षी आपके द्वार पर आ जाए तो उसे अवश्य ही भोजन कराएं। ऐसा माना जाता है कि आपके पूर्वज आपसे पशु-पक्षी के रूप में आपसे मिलने आते हैं। हो सके तो इस दौरान गाय-कौवे को भोजन कराएं।

पत्ते के प्लेट का उपयोग करें

पितृ पक्ष में पत्ते पर खाना चाहिए और इस दौरान ब्राह्मणों को पत्ते पर खाना खिलाना ही शुभ माना जाता है।

शुभ कार्य को करने से बचें 

पितृ पक्ष के दौरान विवाह, सगाई जैसे कोई भी शुभ कार्य बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इस दौरान आपको कोई नई चीज खरीदने से भी बचना चाहिए।‌ पितृ पक्ष‌ के‌ दौरान कोई भी वाहन या नया सामान ना खरीदें।

प्राणी का अपमान ना करें।

चप्पल ना पहनें 

हो सके तो पूरे 16 दिनों तक घर में चप्पल ना पहनें।

ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितृ किसी भी रूप में आपके घर में आते हैं। इसलिए इस पखवाड़े में किसी भी प्राणी का अपमान नहीं करना चाहिए। बल्कि, आपके द्वार पर आने वाले किसी भी प्राणी को भोजन दिया जाना चाहिए और सत्कार करना चाहिए।

अनुष्ठान के लिए लोहे के बर्तनों का प्रयोग ना करें। इसके बजाय अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए सोने, चांदी, तांबे या कांसे के बर्तनों का प्रयोग करें।

यह 5 काम पितृपक्ष में नहीं करना चाहिए

जो लोग किसी भी कारण से इन पवित्र तीर्थों पर श्राद्ध कर्म नहीं कर सकते हैं, वे अपने घर के आंगन में किसी भी पवित्र स्थान पर तर्पण और शरीर दान कर सकते हैं।

लेकिन तर्पण और पिंडदान के लिए अपने प्लॉट का ही इस्तेमाल करें। 

पितरों को दूसरे के द्वार या किसी अन्य व्यक्ति के द्वार पर दिया गया दान नहीं मिलता है। काले तिल का विशेष महत्व है।

शाम, रात, भोर या शाम के समय श्राद्ध कर्म नहीं करना चाहिए।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles