Pipal ki puja kaise kare पीपल की पूजा से क्या फल मिलता है?
Pipal ki puja kaise kare कहते है की पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने, पूजन करने तथा परिक्रमा करने
से सारी कामनाओं की पूर्ति हो जाती है।
साथ ही यह पूजन सुख -संपत्ति, धन-धान्य, संतान सुख, ऐश्वर्य और सौभाग्य प्रदान करने वाला है।
पीपल की पूजा करने से पित्र दोष,काल सर्प योग और ग्रह पीड़ा जैसे दोषो का निवारण होता है।अगर अमावस्या
और शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे हनुमान जी की पूजा अर्चना की जाय और साथ ही हनुमान चालीसा
का पाठ कर जाय तो सारी पेरशानियां दूर हो जाती हैं।
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- पीपल की पूजा शनिवार को क्यों करते हैं?
पीपल पूजा के नियम
हररोज सुबह नियम से पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर जप, तप और प्रभु नामस्मरण करने से व्यक्ति
को शारीरिक और मानसिक लाभ प्राप्त होता है।
पीपल के पेड़ पर क्या क्या चढ़ाना चाहिए?
पीपल के वृक्ष के नीचे हररोज सरसों के तेल का दीपक जलाना अच्छा माना जाता है। पर यदि किसी
आपको ऐसा करना संभव ना हो तो शनिवार की रात को पीपल के पेड़ के नीचें दीपक अवश्य जलाएं|
ऐसा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही रुके हुए काम भी बनने लगते हैं।
कारोबार में भी सफलता मिलती है।
पीपल की पूजा कब नहीं करनी चाहिए
शनिवार को पीपल के पेड़ पर लक्ष्मी जी का वास माना जाता है। इसलिए शनिवार के दिन जल चढ़ाना
श्रेष्ठ माना जाता है। पर रविवार के दिन पीपल पर जल चढ़ाना निषेध माना गया है। क्यूंकि रविवार के दिन
पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने से घर में दरिद्रता आ जाती है।
पीपल को काटने से क्या होता है?
साथ ही कभी भी पीपल के पेड़ को काटना नहीं चाहिए। ऐसा करने पर पितरों को कष्ट मिलता हैं और
वंशवृद्धि में रुकावट बनती है।
इस समय न करें पीपल की पूजा
शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय से पहले कभी भी पीपल की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस वक्त धन की देवी
माता लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी का वास होता है। अलक्ष्मी दरिद्रता की देवी मानी जाती हैं। और वो हमेशा
गरीबी और जीवन में परेशानी लाती हैं। इस कारण सूर्योदय से पहले ना तो पीपल की पूजा करनी चाहिए
और ना ही इस वृक्ष के पास जाना चाहिए। ऐसा करने पर घर में दरिद्रता चली आती है। इसलिए हमेशा
सूर्योदय के बाद ही पीपल की पूजा करें।