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Thursday, April 11, 2024

पुत्रदा एकादशी : क्या है इसका महत्व, जाने पूजा विधि और नियम

putrada ekadashi 2021 pooja vidhi shubh muhurat importance श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी

तिथि को पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस साल 2021 मे यह तिथि बुधवार 18 अगस्त को है। पुत्रदा एकादशी

के बारे में पुराणों में कहा गया है, कि जो भी भक्त इस एकादशी को पूरी निष्ठा से और नियमों से पालन करेगा,

उसे जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलेगी और वैकुंठ धाम प्राप्त करेगा। साथ ही वह व्यक्ति संतान तथा धन

का भोग करता है।

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Importance of Putrada Ekadashi पुत्रदा एकादशी का महत्व

पुराणों के अनुसार हजारों वर्षों की तपस्या करने से जितना पुण्य प्राप्त होता है, उतना ही पुत्रदा एकादशी

का व्रत करने प्राप्त होता है। यदि कोई व्यक्ति निःसंतान है तो पुत्रदा एकादशी का व्रत करके भगवान

विष्णु का ध्यान करे तो अच्छे गुणों वाले संतान की प्राप्ति होती है।

यदि संतान किसी प्रकार की परेशानी से पीड़ित है तो यह व्रत करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।

संतान को दीर्घायु प्राप्त होती है। putrada ekadashi 2021 pooja vidhi shubh muhurat importance

पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त 2021

एकादशी व्रत दिन – १८ अगस्त

व्रत प्रारंभ – सुबह 03:20 मिनट

समाप्त – 19 अगस्त 2021 सुबह- 01:05 बजे

पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि

शास्त्रों के अनुसार व्रत करने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठना चाहिए। स्नान, ध्यान आदि के बाद भगवान

विष्णु का ध्यान करना चाहिए। दिनभर उपवास रखना चाहिए। भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करनी

चाहिए। इसके बाद घर में हर जगह गंगाजल छिड़क दे। बाद में मूर्ति/प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं। शुद्ध

तुप से दीपक जलाएं। भगवान को फूल चढ़ाएं। व्रत कथा का पाठ करें और फिर आरती करें। putrada

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आरती के बाद आपको विष्णु सहस्रनाम का पठन करना चाहिए। एकादशी के दिन इसका पठन करने से

जीवन के सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। उसके बाद भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और प्रसाद को गरीब

और जरूरतमंद लोगों में दान करे। शाम के समय तुलसी के सामने दीपक जलाएं और बादमे आप फल खा

सकते हैं। अगले दिन द्वादशी तिथि को ब्राह्मणों को भोजन कराए और उन्हें भिक्षा तथा दक्षिणा सम्मानपूर्वक

है। इसके बाद आप व्रत तोड़ सकते हैं। putrada ekadashi 2021 pooja vidhi shubh muhurat importance

पुत्रदा एकादशी के नियम

जिन लोगों ने पुत्रदा एकादशी का व्रत किया है उन्हें लहसुन और प्याज विरहित खाना खाना चाहिए। साथ ही मन

और वचन से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। दशमी से द्वादशी तक भगवान विष्णु जी का ध्यान करें। झूठ,

अनैतिकता, लोभ आदि से दूर रहना चाहिए। एकादशी के दिन वैष्णव धर्म का पालन करना चाहिए, इसलिए

खुद को बैगन, सुपारी, मांस, शराब आदि से दूर रखना चाहिए। एकादशी के दिन कांसे के बर्तन में भोजन

नहीं करना चाहिए। putrada ekadashi 2021 pooja vidhi shubh muhurat importance

Pooja
Poojahttp://apnibat.com
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