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Tuesday, October 14, 2025
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बैंक मे खाता है तो अभी जान ले यह शर्ते, basic rules bank saving account

basic important rules: bank saving account बचत खाता सभी के

लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसकी मदद से कई तरह के वित्तीय लेनदेन

करने में हमे मदद मिलती है। इसके बिना तो पैसा रखने में काफी मुश्किल होती

है। आज के दौर मे हर किसी के पास एक सैविंग अकाउंट होता ही है।

basic rules bank saving account
basic rules bank saving account

आइए देखते है सेविंग बैंक अकाउंट के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

जो पता होना सबके लिए आवश्यक है।

सेविंग अकाउंट क्या है? what is bank saving account

https://apnibat.com/business/government-scheme/complete-information-of-atal-pension-yojana-2021/

सेविंग्‍स अकाउंट एक डिपॉजिट अकाउंट होता है, यह वित्तीय संस्थानों  और बैंकों में

खुलता है। इस खाते में कोई भी व्यक्ति अपनी सैलरी, इनकम रिसीव कर सकता है।

इसकी मदद से किसी को मिनटों मे पैसे भेज सकता है चाहे वो उससे कितना भी

दूर हो।  इसका इस्‍तेमाल सॅलेरी के लिए भी किया जाता है।

यह भी पढे: अटल पेंशन योजना की पूरी जानकारी 2021, Complete information of Atal Pension Yojana 2021

इसमें आप अपनी मर्जी चाहे तब तक अपना पैसा जमा /होल्ड

कर सकते हैं। इसके और भी कई सारे फायदे होते है।

सेविंग अकाउंट के फायदे

सेविंग्‍स अकाउंट होल्‍डर्स को डेबिट कार्ड debit card दिया जाता है। इस कार्ड की मदद से

विभिन्न प्रकार के ट्रांजैक्‍शन कर सकते हैं। खाताधारक नियमित तौर पर अकाउंट स्टेटमेंट भी

प्राप्त कर सकते हैं। या फिर अपने पासबूक मे भी इसके डिटेल्स देख सकता है।

आपके अकाउंट के प्रकार के आधार पर इस अकाउंट मे मिनिमम बैलेंस

की जरूरत होती है। आपको आपके खाते में न्यूनतम रकम रखनी पड़ती है,

ऐसा ना करने पर बैंक पेनाल्‍टी लगा देती है।

सेविंग अकाउंट पर कितना ब्याज मिलता है? Interest on bank saving account

सेविंग्‍स अकाउंट पर जमा पैसे पर बैंक ब्‍याज देता है। इसका पेमेंट तिमाही, छमाही, कुछ मामलों

में सालाना आधार पर भी किया जा सकता है। यह हर एक बैंक पर निर्भर करता है। साथ ही इसका रेट

हर बैंक के लिए अलग अलग भी हो सकता है। सेविंग्‍स अकाउंट का ब्‍याज दर फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट

की तुलना में कम होता हैं। basic rules bank saving account

सेविंग्‍स अकाउंट पर जो भी ब्‍याज मिले उस पर मार्जिनल रेट से टैक्‍स लगता है। सेक्शन 80टीटीए

के तहत 10,000 रुपये तक का डिडक्‍शन उपलब्‍ध अवैलबल है। वहीं सेक्‍शन 80टीटीबी के तहत

सीनियर सिटीजंस को 50,000 रुपये तक का डिडक्शन मिल जाता है।

इस तरह के मामलों में टैक्‍स मे छूट प्राप्त की जा सकती है।

एकादशियों की सम्पूर्ण जानकारी ekadashi vrat niyam jankari

ekadashi vrat niyam jankari साल मे कितनी एकादशी होती है?

हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दोनों

पक्षो यानि कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में एकादशी का व्रत किया जाता है।

इस फरार एक महीने में दो और एक साल में कुल 24 एकादशी की

तिथियां पड़ती हैं।

एकादशी व्रत रखने से क्या लाभ होता है ?

शास्त्रों में एकादशी तिथि के व्रत को सभी

व्रतों में श्रेष्ठ बताया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति

पूरी श्रद्धा पूर्वक हर एकादशी का व्रत करता है, उसके सभी कष्ट

दूर हो जाते हैं। व्यक्ति के पापकर्म नष्ट हो जाते हैं तथा इस लोक

के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। ekadashi vrat niyam jankari

हर एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है,

परंतु हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व माना जाता है।

एकादशी किसे कहा जाता है ?

हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहा जाता हैं।

यह पढ़ क्या? हिन्दू व्रत पर्व Monthly Hindu Panchang

यह तिथि महीने में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद।

पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी

तथा अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी

कहा जाता हैं। इन दोनों ही प्रकार की एकादशियों का भारतीय

सनातन संप्रदाय में बहुत बड़ा महत्त्व है।

एकादशी के नाम लिस्ट

चैत्र: पापमोचनी एकादशी और  कामदा एकादशी

वैशाख: वरुथिनी एकादशी और मोहिनी एकादशी

ज्येष्ठ: अपरा एकादशी तथा पाण्डव निर्जला/रुक्मणी-हरण एकादशी

आषाढ: योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी

श्रावण: कामिका एकादशी तथा पुत्रदा/पवित्रा एकादशी

भाद्रपद: अजा/अन्नदा एकादशी और पार्श्व एकादशी

अश्विन्: इंदिरा एकादशी और  पापांकुशा एकादशी

कार्तिक: रमा एकादशी, और देवोत्थान/प्रबोधिनी एकादशी

मार्गशीर्ष: उत्पन्ना एकादशी तथा मोक्षदा एकादशी

पौष: सफला एकादशी, पौष पुत्रदा/पवित्रा एकादशी

माघ: षटतिला एकादशी, जया/भैमी एकादशी

फाल्गुन: विजया एकादशी और आमलकी एकादशी

अधिक: पद्मिनी/कमला/पुरुषोत्तमी एकादशी तथा परमा एकादशी

त्रिस्पृशा एकादशी महायोग

जब एक ही दिन एकादशी, द्वादशी और रात्रि के अंतिम प्रहर

में त्रयोदशी भी एक साथ हो तो वह त्रिस्पृशा कहलाती है।

अगर सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक थोड़ी सी एकादशी, द्वादशी

तथा अन्त में किंचित् मात्र भी त्रयोदशी हो तो वह

त्रिस्पृशा-एकादशी कहलाती है।

एकादशी के नियम

एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को दशमी

के दिन से कुछ अनिवार्य नियमों का पालन करना होता है।

एकादशी के दिन मांसाहार, प्याज, मसूर की दाल आदि वस्तुओं

 का सेवन नहीं करना चाहिए।

रात्रि को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और भोग-विलास

से दूर रहना चाहिए।

एकादशी के दिन प्रात: लकड़ी का दातुन बिल्कुल भी ना करें।

जामुन, आम या नींबू के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ

साफ कर सकते है। पेड़ से पत्ता तोड़ना भी ‍वर्जित होता है। अत:

आप स्वयं गिरा हुआ पत्ता लेकर उसका इस्तेमाल कर सकते है।

यदि यह संभव नहीं है तो पानी से बार बार कुल्ले कर सकते है।

फिर स्नान आदि कर मंदिर में जाकर गीता का पाठ करें, या

पुरोहित जी से गीता पाठ का श्रवण कर सकते है।

ईश्वर के सामने इस तरह प्रण करना चाहिए, ‘आज मैं चोर, पाखंडी

और दुराचारी मनुष्यों से बात नहीं करूँगा/करूंगी और ना ही किसी

का दिल दुखाऊँगा/ गी। रात्रि को जागरण कर कीर्तन करूँगा/करूंगी।

‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस मंत्र का जाप करें। भगवान विष्णु

का स्मरण करके प्रार्थना करें कि हे त्रिलोकीनाथ! मेरी लाज आपके हाथ

है, अत: मुझे इस प्रण को पूरा करने की शक्ति प्रदान करे।

यदि भूलवश किसी निंदक से बात कर ली तो भगवान सूर्यनारायण

के दर्शन कर लेना चाहिए तथा धूप-दीप से श्री‍हरि की पूजा कर के

क्षमा माँग लेनी चाहिए।

एकादशी मे क्या नहीं करना चाहिए?

एकादशी के दिन घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे चींटी

आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है। इस दिन बाल भी

नहीं कटवाने चाहिए। और ना नही अधिक बोलना चाहिए। अत्यधिक

बोलने से मुख से न बोलने वाले शब्द भी निकल जाने की संभावना रहती हैं।

इस दिन अपनी शक्ति के अनुसार दान करना चाहिए। परंतु स्वयं

किसी का दिया हुआ अन्न आदि कदापि ग्रहण ना करें।

दशमी के साथ मिली हुई एकादशी वृद्ध मानी जाती है। त्रयोदशी आने से पूर्व

व्रत का पारण करना चाहिए।

फलाहारी को गोभी, पालक, गाजर, शलजम, कुलफा का साग आदि

का सेवन नहीं करना चाहिए। अंगूर, बादाम, केला, आम, पिस्ता

इत्यादि अमृत फलों का सेवन कर सकते है। प्रत्येक वस्तु का प्रभु

को भोग लगाकर और तुलसी दल छोड़कर ग्रहण करे। द्वादशी के

दिन ब्राह्मणों को दक्षिणा , मिष्ठान्न दे। इस दिन क्रोध ना करे

और मधुर वचन बोले।

खौफनाक महल जिनमें भूत का है साया|हिम्मतवाले भी डरते है यहाँ

 दुनिया की 5 खौफनाक जगह : खौफनाक महल जिनमें भूत का है साया|हिम्मतवाले भी डरते है यहाँ

आपको को अक्सर भूत प्रेत आत्मा के बारे में,कुछ ना कुछ कहानियां सुनने को मिलती होगी।

जिससे कुछ समय के लिए आपकी रूह कांप जाती होगी।  इसके अलावा, आपने लोगो के मुंह से भी

सुना होगा कि आत्मा होती है। लेकिन आपको इसका अहसास तब तक नहीं होता।

 जब तक आप खुद अपने आंखो से नहीं देखते,या कुछ अजीबोगरीब अहसास नहीं कर लेते

तब तक आपको पूरा भरोसा नहीं होता। दुनिया में आज भी कुछ  ऐसे स्थान आज भी मौजूद है।

जहां पर आत्माओं का साया है।और वहां पर जाने से लोग कतराते हैं।

 तो चलिए जानते हैं ऐसे ही 5 खौफनाक स्थान के विषय में और उससे जोड़ी रहस्यमई कहानियों के बारे में 

1. बीचवर्थ का पागलखाना

ऑस्ट्रेलिया का विक्टोरिया में मौजूद बीचवर्थ  का पागलखाना हंटेड माना जाता है।

यहां 1867 से 1995 तक एक पागलखाना था। इस पागल खाने का जिक्र करें तो यहां 1200 मरीज

के रहने की पूरी व्यवस्था थी। इस पागल खाने के 130 के इतिहास में यहां पर कुल 9000 पेशेंट मरे

हुए दर्ज किए गए हैं, और लोगों की माने तो यहां पर उनकी आत्माएं भटकती हुई दिखाई देती है ।

लोग यहां जाने से खौफ आते है। 

2. चटेऊ डी चटेऊब्रियां महल

फ्रांस का चटेऊ डी चटेऊब्रियां महल को लोग भुतहा स्थान मानते हैं ।लोगों के मुंह से सुनने को मिला है

 कि इस महल में शक के आधार पर एक औरत को उसके ही पति ने जहर खिलाकर मार डाला।

तब इसे यहां पर उसकी आत्मा भटका करती है।जो लोग यहां पर प्रवेश करते हैं उन्हें कुछ अजीबोगरीब

एहसास अनुभव होता है। यही कारण है कि लोग इस भूतहे स्थान पर गलती से भी कदम नहीं रखते है।

3.रिनहम हॉल

 रिनहम हॉल जो ब्र‌िटेन में भुतहा हॉल के नाम से प्रसिद्ध है।लोगों का ऐसा मानना है।

 कि यहां पर ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री की बहन डोर्थी वालपूल की आत्मा भटकने का दावा करते हैं।

वहां के लोगों का कहना है । कि हॉल में डोर्थी वालपूल प्रेम प्रसंग करने के दोष में कैद करके रखा

गया था जिस वजह से उनकी मौत हो गई।लोग यहां जाने के ख्याल मात्र से सिहर जाते है।

4. ओकिघारा का जंगल,

जापान में माउंट फुजि की तलहटी में स्थित ओकिघाराओ का यह जंगल पूरी दुनिया में सुसाइड

फॉरेस्ट के नाम से जाना जाता है। यहां हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में लोग आत्महत्या करते हैं और

लोगों का ऐसा मानना है कि जिन लोगों ने यहां पर सुसाइड किया है। वहां पर उनकी आत्मा आज

भी भटकती देखी गई  है।जो लोग यहां से गुजरते है दहशत उनके चेहरे पर साफ दिखाई देती है।

5.मनिला फिल्म सेंटर 

फिलीपींस निश्चित मनिला फिल्म सेंटर जिसे हंटेड क्षेत्र माना गया है ।इस फिल्म सेंटर को बनाने

के दौरान यहां पर कई मजदूरों की मौत हो गई थी । और लोगों के अनुसार फिल्म सेंटर में मरे

गए मजदूरों की ही आत्माएं भटकती देखी गई है।कई लोगो ने अपने अनुभव को साझा किया है 

उन्हें वहां पर जाने पर अलग सा अनुभव हुए, जिससे की उनकी रूह कांप गई ।